मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की गोसदनों के निर्माण से संबंधित कार्यों की समीक्षा की और दिए निर्देश दिए

देहरादून: प्रदेश में सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंशीय पशुओं की समस्या के निराकरण को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। इसी क्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की गोसदनों के निर्माण से संबंधित कार्यों की समीक्षा की।

उन्हें जानकारी दी गई कि वर्तमान में निराश्रित गोवंशीय पशुओं की 20,887 है, जबकि 14,848 गोवंशीय पशु सरकार से मान्यता प्राप्त व धनराशि प्राप्त करने वाले आश्रय स्थलों में रह रहे हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि निराश्रित गोवंश को शरण देने के दृष्टिगत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित 62 गोसदनों का निर्माण शीघ्रता से पूर्ण कराया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाला मानदेय अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक है। यह 80 रुपये प्रति पशु प्रतिदिन है। उन्होंने सचिव शहरी विकास को निर्देश दिए कि निराश्रित गोवंशीय पशुओं की समस्या से निजात पाने के दृष्टिगत प्रतिमाह नगर निकायों में सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंश की संख्या, मानीटरिंग व गोसदनों में भेजने की समीक्षा की जाए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव को बताया गया कि शहरी विकास विभाग के अंतर्गत 36 गोसदनों के लिए भूमि चिह्नित की गई है। इनमें 13 गोसदनों का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा पंचायतीराज विभाग को 26 गोसदनों का निर्माण करना है। इसके लिए विभाग को मिसिंग लिंक के माध्यम से 10 करोड़ रुपये भी जारी किए जा चुके हैं।

गोवंशीय पशुओं की हो जियो टैगिंग

मुख्य सचिव ने बेसहारा गोवंशीय पशुओं की समस्या के दीर्घकालीन समाधान में आधुनिक तकनीकी व आइटी के उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी गोवंशीय पशुओं की जियो टैगिंग अनिवार्य रूप से करने के साथ ही जल्द लांच होने वाले एप व डैशबोर्ड में प्रत्येक गोवंशीय पशु से संबंधित जानकारी सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने निराश्रित पशुओं की देखभाल में गोसेवक योजना को महत्वपूर्ण बताते हुए इसके विस्तार पर जोर दिया।

संचालन व रखरखाव की नियमित मानीटरिंग जरूरी

निर्माणाधीन और पूर्व से संचालित गोसदनों के संचालन व रखरखाव की निरंतर मानीटरिंग की भी मुख्य सचिव ने हिदायत दी। उन्होंने गोसदनों के नियमित निरीक्षण के साथ ही वहां चारा, प्रकाश, चिकित्सा की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम, नितेश कुमार झा, चंद्रेश कुमार, वी षणमुगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

  • 20887 है वर्तमान में आवारा निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या।
  • 2134 निराश्रित गोवंश को पिछले साल गोसदनों में भेजा गया।
  • 14848 गोवंश वर्तमान में 70 आश्रय स्थलों में लिए है शरण।
  • जिलेवार वर्तमान में निराश्रित गोवंश
जिला
संख्या
पौड़ी 5525
ऊधम सिंह नगर 4955
टिहरी 2259
नैनीताल 2155
देहरादून 2050
अल्मोड़ा 1536
हरिद्वार 803
चंपावत 708
चमोली 360
उत्तरकाशी 359
रुद्रप्रयाग 106
बागेश्वर 47
पिथौरागढ़ 24

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