यूपी के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे के फार्मूले को खारिज करते हुए कांग्रेस ने सरकार को कठघरे में किया। शनिवार को पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह साझा प्रेस कांफ्रेस कर सरकार पर हमला बोला। कहा कि धामी सरकार ने यूपी सरकार के सामने आत्मसमर्पण करते हुए राज्य को हितों को गिरवी रख दिया है। राजीव भवन में मीडिया कर्मियों से बातचीत में रावत ने कहा कि सरकार जिस समझौते को उपलब्धि बताते नहीं थक रही, वो सबसे बड़ी हार है। इस समझौते को कांग्रेस कतई स्वीकार न करेगी। इसके खिलाफ सड़क से सदन तक विरोध होगा। समझौते के खिलाफ कांग्रेस कानूनी लड़ाई भी लड़ेगी।
रावत ने पूछे सवाल
1- वर्ष 2018 में उत्तराखंड-यूपी के बीच सिंचाई विभाग की संपत्ति को 75:25 के अनुपात में बांटने पर सहमति बनी थी। आज दोबारा से सर्वेक्षण क्यों?
2- राज्य की संपत्तियों को लेकर विभिन्न अदालतों में दर्ज मुकदमे वापस लेने का फैसला क्यों लिया? इससे तो राज्य भविष्य के रास्ते भी बंद हो गए हैं।
3- सभी न्यायिक केस वापस लेने से राज्य का टिहरी बांध के स्वामित्व का दावा क्या अब खत्म नहीं हो जाएगा?
4- कांग्रेस सरकार में बैगुल, नानकसागर जलाशय पर राज्य के अधिकार को सैंद्धातिक सहमति गई थी। अब केवल बोटिंग की अनुमति पर खुशी क्यों?
5-अदालत ने स्पष्ट कहा कि रोडवेज की संपत्तियों का उचित भुगतान हो। फिर 700 करोड़ की जगह 255 और अब 205 करोड़ रूपये पर क्यों माने?
यूपी पुनर्गठन एक्ट के प्रावधानों का राज्य को सकारात्मक लाभ नहीं मिल रहा। गंगा प्रबंधन बोर्ड भी राज्य के हितों के खिलाफ है। सरकार ने यह करार कर राज्य के हितों पर कुठाराधात किया है। कांग्रेस इस करार की निंदा करती है और इसके खिलाफ हर संभव प्रयास करेगी।
हरीश रावत, पूर्व सीएम
केवल यूपी को चुनावी लाभ देने के लिए उत्तराखंड की सरकार ने केंद्र के निर्देश पर उत्तराखंड के हितों को ताक पर रख दिया। कांग्रेस इसका कड़ृा विरोध करेगी। इस समझौते को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। यह उत्तराखंड के साथ बहुत बढ़ा छल है।
गणेश गोदियाल, प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा कहती है अटल जी ने बनाया है-मोदी जी सवारंगे। लेकिन उत्तराखंड के साथ दो अन्य राज्यों को स्थायी राजधानी भी मिली और परिसंपत्तियों का बंटवारा भी हुआ। उत्तराखंड को ही उसका हक क्यों न मिल रहा? सरकार को चाहिए कि परिसंपत्तियों पर तत्काल श्वेत पत्र जारी करे।
प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष