चीन के खिलाफ तिब्बती महिलाओं ने निकाली आक्रोश रैली

देहरादून। तिब्बती महिला विद्रोह दिवस की 65वीं वर्षगांठ पर तिब्बती समुदाय की महिलाओं ने चीन के विरोध में नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। मंगलवार को तिबेतन वूमेंस एसोसिएशन (सेंट्रल) के आह्वन पर महिलाएं परेड ग्राउंड में एकत्र हुईं। यहां से सर्वे चौक होते हुए तिब्बती मार्केट से लैंसडौन चौक तक रैली निकाली। हाथों में तख्ती व ध्वज लेकर महिलाओं ने चीन के विरोध में नारेबाजी की।

महिलाओं ने कहा कि 12 मार्च 1959 का दिन तिब्बती महिलाओं के इतिहास में एतिहासिक रहा। जब वह राजधानी ल्हासा में पोटाला के महल के बाहर मैदान पर चीन सरकार के क्रूर व दमन का विरोध करने के लिए एकत्र हुईं थीं।

तिब्बत पर चीन के गैरकानूनी कब्जे का विरोध कर रही महिलाएं

महिलाओं का एक समूह कम्यूनिस्ट चीन की ओर से तिब्बत पर गैरकानूनी कब्जे के विरोध कर रहा था। इस दौरान क्रूर दमन में सैकड़ों तिब्बती महिलाएं मारी गई, जबकि कइयों को गिरफ्तार व कैद कर बिना किसी जुर्म में पीटा गया।

कहा कि पूरा समाज सभी बलिदानियों के साथ एकजुटता से खड़ा है। कहा कि आज पूरी दुनिया के लिए वैश्विक तानाशाह के विरुद्ध एकजुट होने का समय आ चुका है। यदि चीन को जिम्मेदारी ठराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवाब नहीं डाला गया तो चीन की ओर से जब्त किए गए राज्यों में मानवाधिकार की स्थिति और भी खराब हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *